विवेक
विवेक प्राप्त है मानव को
क्या तो अनुचित अथवा कि उचित, यह समझ नहीं पशु पक्षी को
जो सदुपयोग करले इसका, उसका तो जीवन सफल हुआ
वरना तो पशु से भी निकृष्ट, मानव का जीवन विफल हुआ
हम अपने और दूसरों का, कर पायें भला विवेक यही
तब तत्वज्ञान में हो परिणित, सर्वज्ञ प्रभु की कृपा वही