पुरुषार्थ
पुरुषार्थ किया गत जीवन में, प्रारब्ध वही तो होता है
जो आज करें हम कर्म वही, कल का भविष्य हो जाता है
आवश्यक हम सत्कार्य करे, तत्क्षण फल की आशा न करें
भगवान् कृष्ण भी अर्जुन को, ये ही उपदेश प्रदान करें
कहीं होनहार की आड़ लिये, हम अकर्मण्य नहीं हो जाये
कर्तव्य-कर्म हम सदा करें, भगवद्गीता यह बतलाये

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *