निष्काम कर्म
निष्काम कर्म से शान्ति मिले
जीवन में चाहों के कारण, केवल अशांति मन छायेगी
सुख शांति सुलभ निश्चित, संतृप्ति भाव मन में होगी
सम्मान प्राप्ति का भाव रहे, तो कुण्ठाएँ पैदा होगी
संयम बरते इच्छाओं पर, मन में न निराशा तब होगी
स्वाभाविक जो भी कर्म करें, फल की इच्छा न रखें मन में
संदेश यही गीताजी का, होगी न हताशा जीवन में