तुलसी आरती
जय जय जय तुलसी महारानी, महिमा अमित पुराण बखानी
प्रादुर्भाव विष्णु के द्वारा, पूजनीय भक्तन मन मानी
तेरे श्री अंगो से प्रकटे, मंजरिया, पल्लव मन-भाये
शालिग्राम शिला का पूजन, तुमसे करे सदा सुख पाये
हरि पूजन में तुम्हें चढ़ाये, कलिमल-नाश करे पुण्यार्जन
गो का दान दिलाये जो फल, सुलभ कराये तेरा दर्शन
विश्वपूजिता, कृष्णभावनी! मंगल आरती करें तुम्हारी
अविचल भक्ति मिले श्री हरि की, वर दो विनती यही हमारी