विपदा का लाभ
विपत्ति को समझें हम वरदान
सुख में याद न आये प्रभु की, करें नहीं हम गान
कुन्ती ने माँगा था प्रभु से, विपदायें ही आयें
कष्ट दूर करने प्रभु आये, दर्शन तब हो जायें
हुआ वियोग श्याम से जिनका, गोपियन अश्रु बहाये
स्मरण करे प्रतिपल वे उनको, दिवस रात कट जाये
अनुकुल प्रतिकूल परिस्थिति, जीवन में जो आये
विधि का यही विधान समझलें, वो ही मनशांति को पाये