प्राण धन
श्याम तन, श्याम मन, श्याम है हमारो धन
आठो जाम ऊधौ हमें, श्याम ही सो काम है
श्याम हिये, श्याम तिये, श्याम बिनु नाहिं जियें
आँधे की सी लाकरी, अधार श्याम नाम है
श्याम गति, श्याम मति, श्याम ही है प्रानपति
श्याम सुखदाई सो भलाई सोभाधाम है
ऊधौ तुम भये बौरे, पाती लैकै आये दौरे
‘सूर’ जोग राखें कहाँ ! रोम-रोम स्याम है