श्रीमद्भागवत् महिमा
श्रीमद्भागवत् की ध्वनि ही से, सब दोष नष्ट हो जाते हैं
यह वासुदेव वाङ्मय स्वरूप, इसका दर्शन नित सेवन हो
फलरूप वेद-उपनिषद् का ये, दुख शोक नाश यह करता है
सर्वोच्च है सभी पुराणों में, इसकी महिमा का पार नहीं
रसपूर्ण कथा आयोजित हो, वहाँ भक्ति देवि आ जाती है
भगवान् कृष्ण की लीलाओं का, इसके द्वारा पान करें
इसका सेवन यदि नित्य करे, श्रीकृष्ण हृदय में आते हैं
श्रद्धा से पाठ करे इसका, तो पाप सभी जल जाते हैं
सप्ताह श्रवण हो कलियुग में, दुर्भाग्य दुःख मिट जाते हैं