श्री चैतन्य महाप्रभु
श्री कृष्ण का विरह आपको आठों ही प्रहर सताये
श्री महाप्रभु चैतन्य वही जो राधा भाव दिखाये
राधा कान्ति कलेवर अनुपम, भक्तों के मन भाये
रोम रोम में हाव भाव में, गीत कृष्ण के गाये
प्रेमावतार महाप्रभु अन्तस में, राधावर छाये
ओत प्रोत है कृष्ण-भक्ति से, जन-मन वही लुभाये