प्रार्थना
शरणागत पालक परम प्रभो, हमको एक आस तुम्हारी है
तुम्हरे सम दूजा और नहीं, कोई दीनन को हितकारी है
सुधि लेत सदा सब जीवों की, अतिशय करुणा उर धारी है
प्रतिपाल करो बिन ही बदले, अस कौन पिता महतारी है
बिसराय तुम्हें सुख चाहत जो, वह तो नादान अनारी है
‘परतापनारायण’ तो तुम्हरे, पद-पंकज पे बलिहारी है 

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