फागुन का रंग
सखि, मोहन सँग मौज करें फागुन में
मोहन को घरवाली बना के, गीत सभी मिल गाएँ री, फागुन में
पकड़ श्याम को गलियन डोलें, ताली दे दे नाच नचाएँ
मस्ती को कोई न पार आज, फागुन में
हम रसिया तुम मोहन गोरी, कैसी सुन्दर बनी रे जोरी
जोरी को नाच नचाओ रे, फागुन में
करे आज मनमानी तुमसे, कुछ न कहोगे फिर भी हमसे
वरना तो होगी, बरजोरी फागुन में
करे आज मनमानी तुमसे, कुछ न कहोगे फिर भी हमसे
वरना तो होगी, बरजोरी फागुन में