अन्नकूट उत्सव
पूजन को गिरिराज गोवर्धन चले नंद के लाल
कर श्रंगार सभी ब्रज नारी और गये सब ग्वाल
नंद यशोदा भी अति उत्सुक ले पूजा का थाल
गये पूजने गोवर्धन गिरि, तिलक लगाये भाल
भाँति भाँति के व्यंजन एवं फल भी विविध रसाल
एक ओर मनमोहन ने तब कर ली देह विशाल
गिरिवर रूप धरे आरोगत, व्यंजन प्रभु तत्काल
गायें गीत गोपियाँ मिलकर और बजे करताल