श्री कृष्ण प्राकट्य
प्रगटे अभिराम श्याम, रसिक ब्रज-बिहारी
गोकुल को नंद-भवन, जन-मन सुखकारी
आनँद अपार छयौ, दुःख-शोक भागि गयौ
हरन विषम भूमि-भार, आये अवतारी
सबके अति हिय हुलास, नंद-सुअन-दरस-आस
दौरे तजि तजि निवास, आतुरता भारी
पहुँचे सब नन्द-भवन, दरसन करि अति निहाल
पायौ सब सुख अपार, गोकुल नर-नारी