प्रतीक्षा
प्रभो, वह कब दिन आयेगा
होगा जब रोमांच, हृदय गद्गद् हो जायेगा
कृष्ण कृष्ण उच्चारण होगा, प्रेमाश्रु नयनों में
विस्मृत होगी सारी दुनिया, मग्न पाद-पद्मों में
रूप-माधुरी पान करूँगा, बिठलाऊँ हृदय में
मिट जायेगा तमस् अन्ततः, लीन होउ भक्ति में

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