श्री गणपति वन्दन
ओंकार (ॐ) रूप श्री गजानन, प्रत्यक्ष तत्व ब्रह्म स्वरूप
कर्ता, धर्ता एवं हर्ता, भगवान् आपके कर्इं रूप
तीनों गुण से हो परे आप, योगीजन जिनका ध्यान धरें
प्रभु वक्र-तुण्ड लम्बोदर हैं, जो सुमिरें उनका विघ्न टरें
‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र, जो जपे कामना सिद्ध करें
जो लाल पुष्प द्वारा पूजे, उनके गणपति सब कष्ट हरें
नित अथर्वशीर्ष का पाठ करे, सर्वत्र सदा ही सुख जाये
लड्डू हजार से यजन करे, मन-वांछित वह फल पाये