नरसिंह अवतार
नाथ ने नरसिंह रूप बनाया, भक्त प्रहृलाद बचाया
खम्भ फाड़ कर प्रगट भये हरि, सब को ही भरमाया
आधा रूप लिया है नर का, आधा सिंह धराया
हिरणाकशिपु को पकड़ धरा पर, नख से फाड़ गिराया
गर्जन सुनकर ब्रह्माजी अरु सभी देवता आया
हाथ जोड़ सब स्तुति करके, शांत स्वरूप कराया
घट घट वासी जड़ चेतन में, वेद पुराण बताया
‘ब्रह्मानंद’ रूप नरसिंह धर, सबको यही दिखाया