तुलसी की महिमा
नमो नमो तुलसी महारानी, नमो नमो हरि की पटरानी
जाको दरस परस अघ नासे, महिमा वेद पुराण बखानी
साखा पत्र मंजरी कोमल, श्री पति चरण-कमल लपटानी
धन्य आप ऐसो व्रत कीन्हो, सालिगराम के शीश चढ़ानी
छप्पन भोग धरे हरि आगे, तुलसी बिन प्रभु एक न मानी
प्रेम प्रीत कर हरि वश कीन्हे, साँवरी सूरत ह्रदय समानी
‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, भक्ति दान दीजै महारानी