सावित्री देवी स्तवन
महिमामयी देवी सावित्री, अनुकम्पा हम पर करें आप
हे मूल प्रकृति, ब्रह्मा की प्रिया, हरलो कृपया सब ताप पाप
तेजोमय विग्रह वाली हो, मंगल मयी मोक्षदायिनी हो
भक्तों पे अनुग्रह करती हो, सम्पत्ति तथा सुख देती हो
हे! प्रीतिदायिनी हों प्रसन्न, सुखदात्री मेरे क्लेश हरो
मैं दास तुम्हारा हूँ विपन्न, आनन्द स्वरूपिणि कृपा करो