मथुरा गमन (राजस्थानी)
म्हारा सोहन सुन्दर श्याम प्यारा, बेगा आज्यो जी
मथुरा नगरी जा कर म्हाने, भूल न ज्याजो जी
गोपीजन सब भोली भाली, कपट न जाणे जी
चतुर सभी मथुरा की नारी, रींझ न ज्याजो जी
बंसी की धुन कान पड्या, घर बार भुला कर जी
दौड़ी आई मोहन प्यारा, मिलणें थाँसे जी
रोवण लागी देख कन्हाई, रथ में बेठ्याजी
दियो संदेसो-‘‘मैं आऊँगो’’ धीरज धार्यो जी