गौ-चारण
मैया ! गाइ चरावन जैहौ
तू कहि महर नंदबाबा सौं, बड़ौ भयौ न डरैहौं
रैता, पैता, मना, मनसुखा, हलधर संगहि रैहौं
बंसीबट पर ग्वालिन कै संग, खेलत अति सुख पैहौं
मैया, भोजन दै दधि काँवरि, भूख लगे तैं खैहौं
‘सूरदास’ है साखि जमुन-जल, सौंह देहु जु नहैहौं