श्री कृष्ण से प्रीति
मैं तो ता दिन कजरा दैहौं
जा दिन नंदनँदन के नैननि, अपने नैन मिलैहौं
सुन री सखी, यही जिय मेरे, भूलि न और चितैहौं
अब हठ ‘सूर’ यहै व्रत मेरौ विष खाकरि मरि जैहौ
श्री कृष्ण से प्रीति
मैं तो ता दिन कजरा दैहौं
जा दिन नंदनँदन के नैननि, अपने नैन मिलैहौं
सुन री सखी, यही जिय मेरे, भूलि न और चितैहौं
अब हठ ‘सूर’ यहै व्रत मेरौ विष खाकरि मरि जैहौ