काली देवी स्तवन
माँ क्षमा करो अपराध, शरण मोहि लीजे हे काली!
दुर्गा दुर्गति दु:ख विनाशिनि, खड्ग चक्र वाली
हे परमेश्वरि, हे कामेश्वरि, विविध रूप वाली
अद्भुत शोभा श्रीअंगों की विद्युत-उजियारी
हेम-गिरि पे वास तिहारो, चन्द्रमुकुट धारी
सर्जन, पालन, प्रलयकारिणी, दिव्य शक्तिशाली
दैत्य विदारिणि, ब्रह्मस्वरूपा श्याम वर्णवाली
कार्तिकेय, गणपति की जननी, अगणित गुणवाली
यश, मंगल, ऐश्वर्य प्रदायिनि, निगमागम वाली