होली
खेलत गुपाल नव सखिन संग, अंबर में छायो रंग रंग
बाजत बेनु डफ और चंग, कोकिला कुहुक भरती उमंग
केसर कुमकुम चंदन सुंगध, तन मन सुध बिसरी युवति वृंद
कोइ निरखत है लोचन अघाय,लीनो लपेटि आनंदकंद
झोरी भर-भर डारत गुलाल, मन में छाई भारी तरंग
होली
खेलत गुपाल नव सखिन संग, अंबर में छायो रंग रंग
बाजत बेनु डफ और चंग, कोकिला कुहुक भरती उमंग
केसर कुमकुम चंदन सुंगध, तन मन सुध बिसरी युवति वृंद
कोइ निरखत है लोचन अघाय,लीनो लपेटि आनंदकंद
झोरी भर-भर डारत गुलाल, मन में छाई भारी तरंग