चेतावनी
करो अब जाने की तैयारी
साधु संत सम्राट भी जायें, जाते सब संसारी
देह तुम्हारी लगी काँपने, अंत काल की बारी
ईर्ष्या द्वेष अहं नहीं छूटे, उम्र बिता दी सारी
मोह जाल में फँसा रहे मन, वह है व्यक्ति अनारी
काम न आये कोई अन्ततः, फिर भी दुनियादारी
खाते, चलते सभी समय बस, जपलो कृष्ण मुरारी