कर्म-फल
कर्मों का फल ही सुख दुख है
जिसने जैसा हो कर्म किया, उसका फल वह निश्चित पायेगा
जो कर्म समर्पित प्रभु को हो, तो वह अक्षय हो जायेगा
जो भी ऐसा सत्कर्मी हो, वह उत्तम गति को पायेगा
जो व्यक्ति करे निष्काम कर्म, सर्वथा आश्रित प्रभु के ही
ऐसे भक्तों का निस्संदेह, उद्धार स्वयं प्रभु करते ही