युगल छवि
जुगल छवि हरति हिये की पीर
कीर्ति-कुँअरि ब्रजराम-कुँअर बर ठाढ़े जमुना-तीर
कल्पवृच्छ की छाँह सुशीतल, मंद-सुगंध समीर
मुरली अधर, कमल कर कोमल, पीत-नील-द्युति चीर
मुक्ता-मनिमाला, पन्ना गल, सुमन मनोहर हार
भूषन विविध रत्न राजत तन, बेंदी-तिलक उदार
श्रवननि सुचि कुण्डल झुर झूमक, झलकत ज्योति अपार
मुसुकनि मधुर अमिय दृग-चितवनि, बरसत सुधा सिंगार