नाम महिमा
जो तूँ कृष्ण नाम धन धरतो
अब को जनम आगिलो तेरो, दोऊ जनम सुधरतो
जन को त्रास सबै मिटि जातो, भगत नाँउ तेरो परतो
‘सूरदास’ बैकुण्ठ लोक में, कोई न फेंट पकरतो
नाम महिमा
जो तूँ कृष्ण नाम धन धरतो
अब को जनम आगिलो तेरो, दोऊ जनम सुधरतो
जन को त्रास सबै मिटि जातो, भगत नाँउ तेरो परतो
‘सूरदास’ बैकुण्ठ लोक में, कोई न फेंट पकरतो