हरिनाम स्मरण
जीव बस राम नाम जपना, जरा भी मत करना फिकरी
भाग लिखी सो हुई रहेगी, भली बुरी सगरी
ताप करके हिरणाकुश राजा, वर पायो जबरी
लौह लकड़ से मार्यो नाहीं, मर्यौ मौत नख री
तीन लोक ककी माता सीता, रावण जाय हरी
जब लक्षमण ने करी चढ़ाई, लंका गई बिखरी
आठों पहर राम को रटना, ना करना जिकरी
कहत ‘ कबीर’ सुनो भाई साधो, रहना बिन फिकरी