श्री हनुमान स्तुति
जय बजरंगी केसरीनंदन, जय जय पवन कुमार
जय गिरि धारक, लंका जारक, हारक व्याधि विकार
जय जग वन्दन असुर निकंदन, जय दुरन्त हनुमान
जय सुख दाता, संकट त्राता, जय कलि के भगवान
जय बल सागर, अतिशय नागर, जय करुणा के धाम
जय दुख भंजन, जन मन रंजन, रामदूत निष्काम
जय हो जय हो करुणा सागर! वर दो हे गुण-धाम
जगत जननी सीता के प्रिय हो, उर-आँगन में राम