माखन चोरी
ग्वालिन जो देखे घर आय
माखन खाय चुराय श्याम तब, आपुन रही छिपाय
भीतर गई तहाँ हरि पाये, बोले अपने घर मैं आयो
भूल भई, गोरस में चींटी, काढ़न में भरमायो
सुन-सुन वचन चतुर मोहन के, ग्वालिनि मुड़ मुसकानी
‘सूरदास’ प्रभु नटनागर की, सबै बात हम जानी