म्हारी लाज
छोड़ मत जाजो जी महाराज
मैं अबला बल नाहिं गुसाईं, तुम मेरे सिरताज
मैं गुणहीन गुण नाहिं गुसाईं, तुम समरथ महाराज
थाँरी होय के किणरे जाऊँ, तुम हिवड़ा रा साज
मीराँ के प्रभु और न कोई, राखो म्हारी लाज
म्हारी लाज
छोड़ मत जाजो जी महाराज
मैं अबला बल नाहिं गुसाईं, तुम मेरे सिरताज
मैं गुणहीन गुण नाहिं गुसाईं, तुम समरथ महाराज
थाँरी होय के किणरे जाऊँ, तुम हिवड़ा रा साज
मीराँ के प्रभु और न कोई, राखो म्हारी लाज