प्रभु दर्शन
भगवान् तुम्हारे मंदिर मैं, मैं दर्शन करने आई हूँ
वाणी में तो माधुर्य नहीं, पर स्तुति करने आई हूँ
मैं हूँ दरिद्र अति दीन दुखी, कुछ नहीं भेंट है देने को
नयनों में केवल अश्रु बचे, चरणों की पूजा करने को
हे नाथ मेरे, मैं तो अनाथ, करुणानिधि मुझ पर कृपा करो
मैं नाम आपका नित्य जपूँ, सद्बुद्धि मुझे प्रदान करो