महावीर वन्दना
अतुलित बल के धाम पवनसुत, तेज प्रताप निधान
राम जानकी हृदय बिराजै, संकटहर हनुमान
अग्रगण्य ज्ञानी अंजनि-सुत, सद्गुण के हो धाम
अजर अमर हो सिद्धि प्रदाता, रामदूत अभिराम
कंचन वर्ण आपके वपु का, घुँघराले वर केश
हाथों में है वज्र, ध्वजा अरु अति विशिष्ट है वेश
गमन आपका मन सदृश है, छोह करे श्रीराम
रामचरित के रत्न आपको, शत शत करूँ प्रणाम