गायत्री स्तवन
अन्तर्मन से करूँ, अर्चना हे गायत्री माता
जपे आपका महामंत्र, वह सभी सिद्धियाँ पाता
अनुपम रूप आपका माता, वर्णन हो नहीं पाता
महिमा अपरम्पार आपकी, भक्तों की हो त्राता
दिव्य तेज की एक किरण से, मन प्रकाश भर जाता
गायत्री स्तवन
अन्तर्मन से करूँ, अर्चना हे गायत्री माता
जपे आपका महामंत्र, वह सभी सिद्धियाँ पाता
अनुपम रूप आपका माता, वर्णन हो नहीं पाता
महिमा अपरम्पार आपकी, भक्तों की हो त्राता
दिव्य तेज की एक किरण से, मन प्रकाश भर जाता