गिरिधारी
अँगुली पर धर गिरिराज नाम गिरधारी पायो है
बन्द हुयो सुरपति पूजन, गिरिराज पुजायो है
सवा लाख मण सामग्री को, भोग लगायो है
पड़ी स्वर्ग में खबर, क्रोध शचीपति को आयो है
मूसलधार अपार बहुत ही, जल बरसायो है
पड़ी न ब्रज पर बूँद, इन्द्र मन में घबरायो है
ब्रजवासी सब कहें श्याम, गिरिराज उठायो है