श्रीकृष्ण सौन्दर्य
आनन्दकन्द श्री कृष्णचन्द्र, सिर मोर-मुकुट की छवि न्यारी
मुसकान मधुर चंचल चितवन, वह रूप विलक्षण मनहारी
कटि में स्वर्णिम पीताम्बर है, शोभा अपूर्व अति सुखकारी
जो कामकला के सागर हैं, नटनागर यमुना-तट चारी
वंशी की मधुर ध्वनि करते, संग में श्री राधा सुकुमारी
गोवर्धन धारण की लीला, वर्णनातीत अति प्रियकारी
कालियानाग के मस्तक पर, वे नृत्य करें विस्मयकारी
हे नारायण, अच्युत, केशव, गोपी-वल्लभ मंगलकारी
हे कर्णधार भवसागर के, हे पूर्णकाम कलिमल हारी