युगल माधुर्य
अद्वितीय माधुरी जोड़ी, हमारे श्याम श्यामा की
रसीली रसभरी अखियाँ, हमारे श्याम श्यामा की
चितवनि कटीली बाँकी सुघड़ सूरत मधुर बतियाँ
लटकनें कान में सुन्दर, हमारे श्याम श्यामा की
मुकुट और चन्द्रिका माथे, अधर पर पान की लाली
अहो! कैसी भली छबि है, हमारे श्याम श्यामा की
प्रेम में वे पगे विहरें, श्री वृन्दावन की कुंजो में
बसे मन मे यही शोभा, अनूठी श्याम श्यामा की