प्रार्थना
आत्मा का भोजन प्रार्थना, भूले नहीं, प्रतिदिन करें
अन्तःकरण से प्रार्थना, सब शोक चिन्ता को हरें
जीवन में सच्ची शांति सुख, प्रभु प्रार्थना से प्राप्त हो
दत्त चित्त हो प्रार्थना करें, प्रतीति निश्चित सुलभ हो
मीराँ के मन में प्रेम था, तो विष भी अमृत हो गया
निष्काम होए प्रार्थना, समझो प्रभु ने सुन लिया
अध्यात्म की गहराइयों में, डूब कर हो प्रार्थना
हो भाव मन में समर्पण का, वरना तो मात्र प्रवंचना