दधि लूटन
आजु मेरी वृन्दावन में दधि लूटी
कहाँ मेरो हार कहाँ नक बेसर, कहाँ मोतियन लर टूटी
बरजो यशोदा श्यामसुंदर को, झपटत गगरी फूटी
‘सूरदास’ हेरि के जु मिलन को, सर्वस दे ग्वालिन छूटी
दधि लूटन
आजु मेरी वृन्दावन में दधि लूटी
कहाँ मेरो हार कहाँ नक बेसर, कहाँ मोतियन लर टूटी
बरजो यशोदा श्यामसुंदर को, झपटत गगरी फूटी
‘सूरदास’ हेरि के जु मिलन को, सर्वस दे ग्वालिन छूटी