श्री राधा प्राकट्य
आज बरसाने बजत बधाई
प्रगट भई वृषभानु गोप के सबही को सुखदाई
आनँद मगन कहत युवती जन, महरि बधावन आई
बंदीजन, मागध, याचक, गुन, गावत गीत सुहाई
जय जयकार भयो त्रिभुवन में, प्रेम बेलि प्रगटाई
‘सूरदास’ प्रभु की यह जीवन-जोरी सुभग बनाई
श्री राधा प्राकट्य
आज बरसाने बजत बधाई
प्रगट भई वृषभानु गोप के सबही को सुखदाई
आनँद मगन कहत युवती जन, महरि बधावन आई
बंदीजन, मागध, याचक, गुन, गावत गीत सुहाई
जय जयकार भयो त्रिभुवन में, प्रेम बेलि प्रगटाई
‘सूरदास’ प्रभु की यह जीवन-जोरी सुभग बनाई