Jiwan Bit Gaya Sab Yun Hi
शरणागति जीवन बीत गया सब यूँ ही, भला न कुछ कर पाया तेरी मेरी करके ही बस, सारा समय बिताया कहीं हुआ सम्मान जरा तो, अहंकार मन आया कितना बड़ा आदमी हूँ मैं, सोच व्यर्थ इठलाया जड़ चेतन में तूँ ही तू है, फिर भी क्यों भरमाया किया एक से राग, और दूजे को ठुकराया […]