Jaago Bansi Ware Lalna
प्रभाती जागो बंसीवारे ललना, जागो मोहन प्यारे रजनी बीती भोर भयो है, घर घर खुले किवारे गोपी दही मथत सुनियत है, कँगना के झनकारे उठो लालजी भोर भयो है, सुर नर ठाड़े द्वारे ग्वाल बाल सब करत कुलाहल, जय जय सबद उचारे माखन रोटी करो कलेवा, गउवन के रखवारे ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, शरणागत […]
Jagahu Brajraj Lal Mor Mukut Ware
प्रभाती जागहु ब्रजराज लाल मोर मुकुट वारे पक्षी गण करहि शोर, अरुण वरुण भानु भोर नवल कमल फूल, रहे भौंरा गुंजारे भक्तन के सुने बैन, जागे करुणा अयन पूजि के मन कामधेनु, पृथ्वी पगु धारे करके फिर स्नान ध्यान, पूजन पूरण विधान बिप्रन को दियो दान, नंद के दुलारे करके भोजन गुपाल गैयन सँग भये […]