Vando Shri Radha Charan
युगल स्वरूप झाँकी वन्दौं श्री राधाचरन, पावन परम उदार भय विषाद अज्ञानहर, प्रेम भक्ति दातार रास-बिहारिनि राधिका, रासेश्वर नँद-लाल ठाढ़े सुंदरतम परम, मंडल रास रसाल मधुर अधर मुरली धरे, ठाढ़े स्याम त्रिभंग राधा उर उमग्यौ सु-रस रोमांचित अँग-अंग विश्वविमोहिनी श्याम की, मनमोहिनि रसधाम श्याम चित्त उन्मादिनी, राधा नित्य ललाम परम प्रेम-आनंदमय, दिव्य जुगल रस-रूप कालिंदी-तट […]