Chalan Vahi Des Pritam Chalan Vahi Des
प्रीतम के देश चालाँ वाही देस प्रीतम, चालाँ वाही देस कहो कसूमल साड़ी रँगावाँ, कहो तो भगवाँ भेस कहो तो मोतियाँ माँग भरावाँ, कहो बिखरावाँ केस ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, सुण लो बिरद नरेस
Jo Rahe Badalta Jagat Vahi
परिवर्ती जगत् जो रहे बदलता जगत वही रह सकता इक सा कभी न ये, जो समझे शांति भी मिले यहीं जो चाहे कि यह नहीं बदले, उन लोगों को रोना पड़ता हम नहीं हटेगें कैसे भी, विपदा में निश्चित वह फँसता जो अपने मन में धार लिया,हम डटे रहेंगे उस पर ही वे भूल गये […]