Chahta Jo Param Sukh Tu
नाम जप चाहता जो परम सुख तूँ, जाप कर हरिनाम का परम पावन परम सुन्दर, परम मंगल धाम का हैं सभी पातक पुराने, घास सूखे के समान भस्म करने को उन्हें, हरि नाम है पावक महान जाप करते जो चतुर नर, सावधानी से सदा वे न बँधते भूलकर, यम-पाश दारुण में कदा साथ मिलकर प्रेम […]
Tu Apne Ko Pahchan Re
जीवात्मा तूँ अपने को पहचान रे ईश्वर अंश जीव अविनाशी, तूँ चेतन को जान रे घट घट में चेतन का वासा, उसका तुझे न भान रे परम् ब्रह्म का यह स्वरूप है, जो यथार्थ में ज्ञान रे रक्त मांस से बनी देह यह, जल जाती श्मशान रे वे विश्व वद्य वे जग-निवास, कर मन में […]
Tu Dayalu Din Ho Tu Dani Ho Bhikhari
शरणागति तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी हौं प्रसिद्ध पातकी, तू पाप – पुंज – हारी नाथ तू अनाथ को, अनाथ कौन मोसो मो समान आरत नहिं, आरतहर तोसो ब्रह्म तू, हौं जीव, तू ठाकुर, हौं चेरो तात, मात, गुरु, सखा तू, सब बिधि हितू मेरो तोहि मोहिं नाते अनेक, मानियै जो भावै […]
Tu Ga Le Prabhu Ke Geet
हरि भजन तूँ गा ले प्रभु के गीत दुनिया एक मुसाफिर खाना, जाना एक दिन छोड़ के मात-पिता बंधु सुत पत्नी, सब से नाता तोड़ के एक दिन ये सुन्दर घर तेरा मिट्टी में मिल जाएगा तुझे अचानक ले जाने को, काल एक दिन आएगा अब तो होश सँभालो प्यारे, व्यर्थ ही समय गँवाओ ना […]
Mamta Tu N Gai Mere Man Te
वृद्ध अवस्था ममता तू न गई मेरे मन तें पाके केस जनम के साथी, लाज गई लोकन तें तन थाके कर कंपन लागे, ज्योति गई नैनन तें श्रवण वचन न सुनत काहू के, बल गये सब इन्द्रिन तें टूटे दाँत वचन नहिं आवत, सोभा गई मुखन तें भाई बंधु सब परम पियारे, नारि निकारत घर […]
Tu So Raha Ab Tak Musafir
चेतावनी तूँ सो रहा अब तक मुसाफिर, जागता है क्यों नहीं था व्यस्त कारोबार में,अब भोग में खोया कहीं मोहवश जैसे पतिंगा, दीपक की लौ में जल मरे मतिमान तूँ घर बार में फिर, प्रीति इतनी क्यों करे लालच में पड़ता कीर ज्यों, पिंजरे में उसका हाल ज्यों फिर भी उलझता जा रहा, संसार माया […]
Kaha Kahati Tu Mohi Ri Mai
मनोवेग कहा कहति तू मोहि री माई नंदनँदन मन हर लियो मेरौ, तब तै मोकों कछु न सुहाई अब लौं नहिं जानति मैं को ही, कब तैं तू मेरे ढ़िंग आई कहाँ गेह, कहँ मात पिता हैं, कहाँ सजन गुरुजन कहाँ भाई कैसी लाज कानि है कैसी, कहा कहती ह्वै ह्वै रिसहाई अब तौ ‘सूर’ […]
Budhapa Bairi Tu Kyon Kare Takor
वृद्धा अवस्था बुढ़ापा बैरी, तूँ क्यों करे टकोर यौवन में जो साथ रहे, वे स्नेही बने कठोर जीर्ण हो गया अब तन सारा, रोग व दर्द सताते गई शक्ति बोलो कुछ भी तो, ध्यान कोई ना देते चेत चेत रे मनवा अब तो, छोड़ सभी भोगों को राम-कृष्ण का भजन किये बिन, ठोर नहीं हैं […]
Kyon Tu Govind Nam Bisaro
नाम स्मरण क्यौं तू गोविंद नाम बिसारौ अजहूँ चेति, भजन करि हरि कौ, काल फिरत सिर ऊपर भारौ धन-सुत दारा काम न आवै, जिनहिं लागि आपुनपौ हारौ ‘सूरदास’ भगवंत-भजन बिनु, चल्यो पछिताइ नयन जल ढारौ
Bhula Raha Hai Tu Youwan Main
नवधा भक्ति भूला रहा तू यौवन में, क्यों नहीं समझता अभिमानी तू राग, द्वेष, सुख, माया में, तल्लीन हो रहा अज्ञानी जो विश्वसृजक करुणासागर की तन्मय होकर भक्ति करे प्रतिपाल वहीं तो भक्तों के, सारे संकट को दूर करें हरि स्मरण कीर्तन, दास्य, सख्य, पूजा और आत्मनिवेदन हो हरि-कथा श्रवण हो, वन्दन हो, अरु संतचरण […]