Braj Me Aaj Sakhi Dekhyo Ri Tona
श्याम का जादू ब्रज में आज सखी देख्यो री टोना ले मटकी सिर चली गुजरिया, आगे मिले बाबा नंद का छोना दधि को नाम बिसरि गयो प्यारी, ले लेहुरी कोउ स्याम सलोना वृन्दावन की कुंज गलिन में, आँख लगाय गयो मन-मोहना ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, सुन्दर श्याम सुधर रस लोना
Ya Braj Me Kachu Dekho Ri Tona
मुग्धा या वृज में कछु देखोरी टोना ले मटुकी गिर चली गुजरिया, आय मिले बाबा नंद को छोना दधि की पांग बिसरि गई प्यारी, लीजो रीं कोई श्याम सलौना बृन्दावन की कुंज गलिन में, आँख लगायो री मन-मोहना ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, सुन्दर श्याम सुघर रस लोना