Prabhu Ji The To Chala Gaya Mhara Se Prit Lagay
पविरह व्यथा प्रभुजी थें तो चला गया, म्हारा से प्रीत लगाय छोड़ गया बिस्वास हिय में, प्रेम की बाती जलाय विरह जलधि में छोड़ गया थें, नेह की नाव चलाय ‘मीराँ’ के प्रभु कब रे मिलोगे, तुम बिन रह्यो न जाय
The To Aarogo Ji Madan Gopal
दुग्ध अर्पण थे तो आरोगोजी मदनगोपाल! कटोरो ल्याई दूध को भर्यो दूधाजी दीनी भोलावण, जद में आई चाल धोली गाय को दूध गरम कर, ल्याई मिसरी घाल कईयाँ रूठ गया हो म्हारा नाथ! कटोरो…. कद ताई रूठ्या रोगा थे बोलो जी महाराज दूध-कटोरो धर्यो सामने, पीवणरी काँई लाज भूखा मरता तो चिप जासी थारा चिकणा […]