Nahi Bhave Tharo Desadlo Ji Rangrudo
मेवाड़ से विरक्ति नहीं भावैं थाँरो देसड़लो जी रँगरूड़ो थाँरा देस में राणा साधु नहीं छै, लोग बसैं सब कूड़ो गहणा गाँठी भुजबंद त्याग्या, त्याग्यो कर रो चूड़ो काजल टीकी हम सब त्याग्या, त्याग्यो बाँधन जूड़ो ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, वर पायो छै रूड़ो
Prabhu Ji Main To Tharo Hi Tharo
समर्पण (राजस्थानी) प्रभुजी मैं तो थारो ही थारो भलो बुरो जैसो भी हूँ मैं, पर हूँ तो बस थारो बिगड्यो भी तो थारो बिगड्यो, थे ही म्हने सुधारो म्हारी बात जाय तो जाये, नाम बिगड़ सी थारो चाहे कहे म्हने तो बिगडी, विरद न रहसी थारो जँचे जिस तरे करो नाथ, थे मारो चाहे तारो […]