Jamuna Tat Dekhe Nand Nandan
गोपी का प्रेम जमुना तट देखे नंद-नन्दन मोर-मुकुट मकराकृति कुण्डल, पीत वसन, तन चन्दन लोचन तृप्त भए दरसन ते, उर की तपन बुझानी प्रेम मगन तब भई ग्वालिनी, सब तन दसा हिरानी कमल-नैन तट पे रहे ठाड़े, सकुचि मिली ब्रज-नारी ‘सूरदास’ प्रभु अंतरजामी, व्रत पूरन वपु धारी
Jamuna Tat Kridat Nand Nandan
होली जमुनातट क्रीड़त नँदनंदन, होरी परम सुहाई युवती-यूथ संग ले राधा, सन्मुख खेलन आई रत्नजटित पिचकारी भरि के, सखी एक ले धाई प्राणप्रिया मुख निरख स्याम को, छिरकत मृदु मुसकाई तब ही गुलाल भरी मुट्ठी में, पिय की ओर चलाई मानों उमगि प्रीति अतिशय हो, बाहिर देत दिखाई दौरि अचानक कुँवरि राधिका, गहे स्याम सुखदाई […]
Vanshi Vat Jamuna Ke Tat Par
होली वंशी-वट जमुना के तट पर, श्याम राधिका खेले होरी ग्वाल-बाल संग में गिरिधारी, सज आई बृजभानु दुलारी संग लिये ब्रजवाल, खेल रहे होरी पिचकारी भर रंग चलावैं, भर भर मूठ गुलाल उड़ावैं धरा गगन भये लाल, खेल रहे होरी केसर कुंकुम और अरगजा, मलै परस्पर श्याम भानुजा बाढ्यो प्रेम विशाल, खेल रहे होरी लाल […]
Raghav Sarayu Tat Par Viharen
सरयू तट राघव सरयू तट पर विहरें भरत लक्ष्मण और शत्रुघन, सब आनन्द भरें पुष्पों की सुन्दर मालाएँ, सबही कण्ठ धरें मन्द मन्द मुसकान अधर पे, शोभा चित्त हरे कल कल ध्वनि सरयू के जल की, सबके मन हरषे देव-देवियाँ सभी गगन से, सुमन बहुत बरषे