Dekhat Shyam Hase
सुदामा से भेंट देखत श्याम हँसे, सुदामा कूँ देखत श्याम हँसे फाटी तो फुलड़ियाँ पाँव उभाणे, चलताँ चरण घसे बालपणे का मीत सुदामा, अब क्यूँ दूर बसे कहा भावज ने भेंट पठाई, ताँदुल तीन पसे कित गई प्रभु मेरी टूटी टपरिया, माणिक महल लसे कित गई प्रभु मेरी गउअन बछियाँ, द्वार पे सब ही हँसे […]
Sakhi Ri Main To Rangi Shyam Ke Rang
श्याम का रंग सखी री मैं तो रंगी श्याम के रंग पै अति होत विकल यह मनुआ, होत स्वप्न जब भंग हो नहिं काम-काज ही घर को, करहिं स्वजन सब तंग किन्तु करुँ क्या सहूँ सब सजनी, चढ्यो प्रेम को रंग आली, चढ़ी लाल की लाली, अँग-अँग छयो अनंग स्याममयी हो गई सखी मैं तो, […]
Mathura Se Shyam Nahin Loute
ज्ञान पर भक्ति की विजय मथुरा से श्याम नहीं लौटे हैं, दुःखी सब ही ब्रज में मात यशोदा बाबा नन्द को, लाला की याद आय मन में मथुरा राजमहल में व्याकुल, रहें सदा ही राधाकान्त रोक नहीं पाते अपने को रोते थे पाकर एकान्त ब्रज बालाएँ डूब रहीं थीं, विरह वेदना में दिन रात उद्धव […]
Naina Nipat Shyam Chabi Atke
श्याम की मोहिनी नैना निपट श्याम छबि अटके देखत रूप मदनमोहन को, पियत पीयूष न भटके टेढ़ी कटि टेढ़ी कर मुरली, टेढ़ी पाग लर लटके ‘मीराँ’ प्रभु के रूप लुभानी, गिरिधर नागर नट के
Shyam Binu Bairin Rain Bhai
विरह व्यथा स्याम बिनु बैरिन रैन भई काटे कटत न घटत एक पल, सालत नित्य नई पल भर नींद नयन नहिं आये, तारे गिनत गई उलटि-पुलटि करवट लैं काटूँ, ऐसी दशा भई कहा बात मैं कहूँ गात की, जात न कछु कही अँखियन में पावस सी छाई, जब पल रूकत नहीं भये निठुर ऐसे नँदनंदन, […]
Mhara Sohan Sundar Shyam Pyara Bega Aajyo Ji
मथुरा गमन (राजस्थानी) म्हारा सोहन सुन्दर श्याम प्यारा, बेगा आज्यो जी मथुरा नगरी जा कर म्हाने, भूल न ज्याजो जी गोपीजन सब भोली भाली, कपट न जाणे जी चतुर सभी मथुरा की नारी, रींझ न ज्याजो जी बंसी की धुन कान पड्या, घर बार भुला कर जी दौड़ी आई मोहन प्यारा, मिलणें थाँसे जी रोवण […]
Ab To Sanjh Bit Rahi Shyam
होली अब तो साँझ बीत रही श्याम, छोड़ो बहियाँ मोरी तुम ठहरे ब्रजराज कुँवरजी, हम ग्वालिन अति भोरी आनंद मगन कहूँ मैं मोहन,अब तो जाऊँ पौरी लाज बचेगी मोरी सास, ननद के चुपके छाने, तुम संग खेली होरी अँगुली पकरत पहुँचो पकरयो और करी बरजोरी हम हैं ब्रज की छोरी मीठी-मीठी तान बजाकर, लेन सखिन […]
Baje Baje Re Shyam Teri Pejaniyan
श्याम की पैंजनियाँ बाजे-बाजे रे स्याम तेरी पैजनियाँ माता यशोदा चलन सिखावत, उँगली पकड़ कर दो जनियाँ राजत अनुपम लाल झगुला, पीट बरन सुन्दर तनिया ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, तीन लोक के तुम धनिया
Shyam Ne Kaha Thagori Dari
श्याम की ठगौरी स्याम ने कहा ठगोरी डारी बिसरे धरम-करम, कुल-परिजन, लोक साज गई सारी गई हुती मैं जमुना तट पर, जल भरिबे लै मटकी देखत स्याम कमल-दल-लोचन, दृष्टि तुरत ही अटकी मो तन मुरि मुसुकाए मनसिज, मोहन नंद-किसोर तेहि छिन चोरि लियौ मन सरबस, परम चतुर चित-चोर
Shiva Shiv Bane Radhika Shyam
शिवाशिव महिमा शिवा शिव बने राधिका श्याम एक बार कैलाश धाम में, शंकर दुर्गा संग करने लगे विहार वहाँ पर, अतिशय अद्भुत ढंग रूप मनोहर अति देवी का, मुग्ध हुए शिवशंकर लगे सोचने नारी को यह, रूप मिला अति सुन्दर शिव बोले मैं बनूँ राधिका, तुम नँदनंदन प्यारी बने प्रभु वृषभानुनंदिनी, दक्षसुता गिरिधारी देव देवियों […]