Shri Bhagvad Gita Divya Shastra
गीतोपदेश श्री भगवद्गीता दिव्य शास्त्र जिसमें वेदों का भरा सार वाणी द्वारा इसका माहात्म्य, अद्भुत कोई पाता न पार भगवान् कृष्ण-मुख से निसृत, यह अमृत इसका पान करे स्वाध्याय करे जो गीता का, उसके यह सारे क्लेश हरे मृगतृष्णा-जल जैसी दुनिया, आसक्ति मोह का त्याग करें कर्तापन का अभिमान छोड़, हम शास्त्र विहित ही कर्म […]
Shri Krishna Chandra Mathura Ko Gaye
विरह व्यथा श्री कृष्णचन्द्र मथुरा को गये, गोकुल को आयबो छोड़ दियो तब से ब्रज की बालाओं ने, पनघट को जायबो छोड़ दियो सब लता पता भी सूख गये, कालिंदी किनारो छोड़ दियो वहाँ मेवा भोग लगावत हैं, माखन को खायबो छोड़ दियो ये बीन पखावज धरी रहैं, मुरली को बजायबो छोड़ दियो वहाँ कुब्जा […]
Jo Param Shant Shri Lakshmikant
श्री नारायण स्तुति जो परम शांत श्री लक्ष्मी-कांत, जो शेष-नाग पर शयन करें वे पद्मनाभ देवाधिदेव, वे जन्म मरण का कष्ट हरें है नील मेघ सम श्याम वर्ण, पीताम्बर जिनके कटि राजे हे अंग सभी जिनके सुन्दर, शोभा पे कोटि मदन लाजे ब्रह्मादि देव अरू योगी जन, जिनका हृदय में धरे ध्यान वे कमल नयन […]
Shri Mahalakshmi Jag Janani Ka
श्रीमहालक्ष्मी स्तवन श्री महालक्ष्मी जगजननी का, हम श्रद्धापूर्वक करें ध्यान जिनका है वर्ण स्वर्ण जैसा, उनकी महिमा का करें गान सद्भाव, अतिथि की सेवा हो, सत्कर्म जहाँ नित होता हो देवार्चन-प्रेम भाव मन का, आवास वहीं हो माता का माँ को अति प्रिय है शील सत्य, सत्संग कीर्तन जहाँ नित्य जहाँ प्राणि-मात्र प्रति प्रेम भाव, […]
Shri Radhe Rani De Daro Ni Bansuri Mori
बंसी राधे रानी दे डारो नी बाँसुरी मोरी जो बंशी में मोरे प्राण बसत है, सो बंशी गई चोरी काहे से गाऊँ प्यारी काहे से बजाऊँ, काहे से लाऊँ गैया घेरी मुखड़ा से गाओ कान्हा हाथ से बजाओ, लकुटी से लाओ गैया घेरी हा हा करत तेरी पइयाँ पड़त हूँ, तरस खाओ री प्यारी मोरी […]
Jhula Jhule Shri Giridhari
झूला झूला झूले श्री गिरधारी मणिमय जटित हिंडोला बैठे, संग में प्राण पियारी वाम भाग सोहत श्री राधा, पहन लहरिया सारी शीतल मन्द सुगन्धित वायु, श्याम घटा मनहारी कोकिल मोर पपीहा बोले, मधुर गान सुखकारी फूल-हार, फूलों का गजरा, युगल रूप छबि न्यारी
Shri Radha Nam Madhur Anmol
राधा नाम अनमोल श्री राधा नाम मधुर अनमोल नाम सुखद राधा प्यारी को, मुँह में मिश्री घोल सुख सरिता श्री राधा स्वामिनि, दर्शन कर सुख पाऊँ अंग अंग अनुराग श्याम का, चरणों में सिर नाऊँ दो अक्षर राधा रानी के, हिय में इन्हें बसाऊँ सोच विचार और सब त्यागूँ, राधा के गुण गाऊँ
Swami Sab Sansar Ka Ji Sancha Shri Bhagwan
संसार के स्वामी स्वामी सब संसार का जी, साँचा श्री भगवान दान में महिमा थाँरी देखी, हुई हरि मैं हैरान दो मुठ्ठी चावल की फाँकी, दे दिया विभव महान भारत में अर्जुन के आगे, आप हुया रथवान ना कोई मारे, ना कोई मरतो, यो कोरो अज्ञान चेतन जीव तो अजर अमर है, गीताजी को ज्ञान […]
Pragate Shri Vaaman Avtar
वामन अवतार प्रगटे श्री वामन अवतार निरख अदिति मुख करत प्रशंसा, जगजीवन आधार तन श्याम पीत-पट राजत, शोभित है भुज चार कुण्डल मुकुट कंठ कौस्तुभ-मणि, अरु भृगुरेखा सार देखि वदन आनंदित सुर-मुनि, जय-जय निगम उचार ‘गोविंददास’ हरि वामन होके, ठाड़े बलि के द्वार
Shri Radhe Pyari De Daro Ri Bansuri
बंसी की चोरी श्री राधे प्यारी, दे डारो री बाँसुरी मोरी काहे से गाऊँ राधे, काहे से बजाऊँ, काहे से लाऊँ गैया घेरि मुखड़े से गाओ कान्हा, ताल बजावो, चुटकी से लाओ गैया घेरि या बंशी में मेरो प्राण बसत है, सो ही गई अब चोरी न तो सोने की, ना ही चाँदी की, हरे […]